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एक खबर !
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की जांच के लिए गठित लिब्राहन आयोग ने १७ साल बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
मंगलवार को जस्टिस एम.एस. लिब्राहन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। उस समय गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी वहां मौजूद थे। रिपोर्ट में क्या है, अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है। लिब्राहन आयोग के कार्यकाल को 48 बार बढ़ाया गया।
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महान है हमारा लोकतंत्र, महान है हमारे नेता, महान हैं हमारा राज तंत्र, जहा एक आयोग बैठाई जाती और उसका निष्कर्ष १७ साल बाद आता है और तो और उसमे क्या है इसका खुलासा भी अभी तक नहीं हुआ है , जो की एक सम्बेदंशील मुआमले पर बैठाई गई आयोग थी तो बाकी के आयोग का क्या होता होगा ??? जो .....
क्या सरकार इस बात का जवाब देगी की आयोग के पुरे कार्यकाल में कितने पैसे खर्च हुए ? आज तक जितने भी आयोग गठित हुए है सभी के रिपोर्ट जमा हुए ? या सरकार ही भूल गई की कोई आयोग भी गठित हुआ था ?
१७ साल !!! यार १७ साल, कम नहीं होते ! मुझे याद है जब मैं कक्षा ७ वी में था तब की बात है उस दिन हमारा स्कूल बंद हो गया था ! स्कूल बंद होने का कारण बाद में पता चला की "दो भाइयो ने दूसरो की बात सुन कर अपने ही घर में आग लगा कर एक दुसरे को ही लहूलुहान कर लिए थे"
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