अगर मैंने अपने देश के खिलाफ और अमेरिका के पक्ष में लिखा है तो मुझे क्षमा करना !
अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागड़े के प्रति अमेरिका के रवेये से भारत ने कड़ा रुख अपनाया !
सभी पार्टी के मुखिया एक सुर में बोले : - ठीक है.. बिलकुल ठीक है.. ऐसा होना भी चाहये !
जनाव इलेक्शन का टाइम है - मत भूलो वोट लेना है इनको, सभी को चाहे कोई भी हो !
देवयानी ने अपने नौकर को पूरा वेतन नहीं दिया ! क्या ये अपराध नहीं है ?
हा नहीं है.. नहीं है.. नहीं है.. इनके लिए नहीं है !
जिनके टेबल के सामने बिसलेरी की पानी की बोतल हो, सामने लाइव कैमरा हो, सम्मान विदेश मामले के जानकर का हो और एक प्रोग्राम में केवल बिचार रखने लिए एक मोती रकम की पेशकश की जाती ही वो यही बोलेंगे ! और यही समाचार में दिखाया भी जा रहा है
लेकिन गौर करो दोस्तों क्या उस नौकर की भी कोई स्टेटमेंट दिखाया जा रहा है? जिसे उसके काम के बदले मामूली मजदूरी दी जा रही थी ?
या नौकर के मन की बात जानने की कोशिश की जा रही है ? जिसके लिए देवयानी जी को पनिशमेंट दिया गया !
नहीं ! नहीं ! नहीं ! ... क्यूंकि नौकरशाह या बड़े - बड़े अधिकारी - चाहे पूंजीपति हो या बड़े बड़े बुद्धिजीवी - सब के सब अपने स्वार्थ के लिए बड़ा बना रहना चाहते है !
क्या बुराई है अमेरिका ने कड़ा कदम उठाया है देवयानी के खिलाफ तो !
अपने गिरेबान में झांक कर आज के पूंजीपति देखे ! एक नौकर रखने के योग्य एक बड़ा वोहदेदार देखे की क्या वो अपने नौकर के साथ सही व्यव्हार कर रहा है ?... अगर ऐसा नहीं है तो वो सजा का पात्र है चाहे वो कोई भी हो !
आज के प्राइवेट कंपनी में कार्यरत मजदूरो के हालत क्या है ?
किसी तरह मजदुर ३५०० से लेकर ४५०० रुपये में १० घंटे की नौकरी कर रहे है !
मज़बूरी में एक १०/१० के कमरे में पाच-पाच मजदुर गुजर बसर कर रहे है क्यूंकि उनका माकन मालिक एक कमरे का किराया २५०० रुपये से कम लेने के लिए तैयार नहीं है !
यह स्थिति आज की है (स्थान - देल्ही एन सी आर) - और अमेरिका के रवेये से सभी खफा है की ...
और अगर नौकर को सही वेतन नहीं दिए जाने के कारन अमेरिका देवयानी के खिलाफ कड़ा कदम उठा रहा है तो उसमे ..... बुराई क्या है ! क्या ये यहाँ हमारे अपने देश में हो रहे मजदूरो के शोषण के खिलाफ एकजुट होने का समय नहीं है !
खैर दोस्तों आप सभी समझदार है - अगर मैंने अपने देश के खिलाफ और अमेरिका के पक्ष में लिखा है तो मुझे क्षमा करना !
आपका दोस्त गणेश